भारतीय टीम का भविष्य अब उज्ज्वल हाथों में है: सुनील गावसकर

ब्रिसबेन
भारत ने ब्रिसबेन में 328 रनों के लक्ष्य को हासिल कर इतिहास रच दिया। भारतीय टीम ने पहली बार ब्रिसबेन में टेस्ट जीत हासिल की है। यह भारत की टेस्ट क्रिकेट में रनों का पीछा करते हुए तीसरी सबसे बड़ी जीत है। पोर्ट ऑफ स्पेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ 1975-76 में भारत ने 406 रन बनाकर मैच जीता था। इस जीत में टीम के सदस्य रहे सुनील गावसकर भारत की आज की जीत के बाद भावुक हो गए। गावसकर से जब मैच के बाद इस जीत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके पास इसके लिए शब्द नहीं हैं। गावस्कर ने कहा, 'मेरे पास शब्द कम पड़ रहे हैं। मैं पहले दिन से कहता आया हूं कि इंडिया 2-1 से जीतेगी। मैंने आज भी कहा। यहां ऑस्ट्रेलिया में तो आज भी कह रहे थे कि इंडिया वाले 50 ओवर ही खेल पाएंगे। लेकिन मेरा विश्वास बना था मेलबर्न और सिडनी की लड़ाई से। मुझे विश्वास था कि आज भी कुछ होने वाला है।'

पुजारा के बारे में सुनील गावसकर ने कहा, उनके बारे कुछ भी कहना बहुत कम होगा। उन्होंने अपनी जान लगाई टीम के लिए। इतनी चोट खाने के बाद भी वो डटे रहे। जब वो पिच पर होते हैं तो दूसरा स्ट्रोकप्लेयर फ्री हो जाता है। उसे पता होता है कि खेवनहार मौजूद है। लंच से पहले अगर कोई विकेट और हो जाता तो शायद रिजल्ट कुछ और होता।' उन्होंने कहा, 'पुजारा के चलते ऋषभ को विश्वास मिला। मैं समझता हूं कि सब वर्क फ्रॉम कर रहे होंगे पर इस जीत के बाद में अगले दस दिन के लिए सबलोग ज्यादा काम करेंगे। मैं जब ऑस्ट्रेलिया जाता था टीम के साथ और अच्छा खेलती थी टीम तो भारत में लोग उत्साहित हो जाते थे। जब हारते थे तो भारत में सब निराश हो जाते थे। ये जीत इसिलए ज्यादा शानदार है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के पास मजबूत टीम थी। गेंद घूम रही थी। पांचवे दिन कई बार नीचे रही। इस पर रन बनाना आसान नहीं था। बहुत अच्छा लगा। इस युवा टीम को सलाम है। शुभमन गिल, रिषभ पंत, शार्दुल, सुंदर सबने मन मोह लिया। भारतीय टीम का भविष्य अब उज्ज्वल है।'

Source : Agency

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